कोविड काल के बच्चे


क्या बचपन बीतता है हमारा? न खेल न धमाल न कमाल| आम पर बौर आ कर उतर गई, न आम पर झूले पड़े न ही नीम पर| छुपा छुपाई, दौड़भाग, गेंद बल्ला, गिल्ली डंडा किसी का कुछ नहीं पता| जीवन का दस प्रतिशत जीवन के जीवन होने की आशा में निकल गया| जीवन की आशा!! माँ-बाप को देखकर तो नहीं लगता कि कोई जीवन की आशा में जी रहा है| यह जीवन तो मृत्यु की आशंका में बीत रहा है|

कितना टीवी देखा जाए, कितना कार्टून, कितनी फ़िल्म| किसने माँ –बाप को बोल दिया कि बच्चे इन्हें पसंद करते हैं| टीवी से छूटो तो मोबाइल पकड़ा दिया जाता है|

कभी कभी सोचता हूँ, घर में खिड़कियाँ किस लिए होती हैं?  पिताजी कहते हैं कोई कोविड बाबा है, झोली वाले बाबा का बड़ा भाई| अगर प्यारे प्यारे बच्चों को खिड़की या बालकनी में खड़ा देख लेता है तो पकड़ लेता है| घर में खिड़की दरवाज़े आखिर हैं किस लिए – जब बच्चे इनके पास खड़े तक नहीं हो सकते| दादी कहती हैं कि तुम बच्चे अगर घर के बाहर निकलोगे तो मोदी पापा को मारेगा| माँ दिन भर काले काले टीके लगाती रहती हैं| खट्टे मीठे चूरण चटनी खाने की उम्र में दवा की चूं खट्टी गोली चूसनी पड़ती है| मिठाई की जगह च्यवनप्राश| अगर भाई बहन भी एक दूसरे को अपनी थाली से कुछ उठाकर दे दें तो माँ बाप मिलबाँट कर खाने की जगह सब लोग अपना अपना खाना खाओ का उल्टा उपदेश देने लगते हैं| सुबह शाम हल्दी सौंठ का दूध| और दादी, उनका बस चले तो खीर में भी हल्दी काली मिर्च का का तड़का मार दें| दिन में तीन बार नहाना और पांच बार हाथ मूँह धोना तो ऐसे करना होता है कि त्रिकाल संध्या और पांच वक़्त की नमाज़ की पाबंदी हमारे ही ज़िम्मे लिखी गई हैं|

मुझे लगता है कोविड जरूर कोई भूत होगा जो बड़ों के दिमाग में रहता है| सुना है उसके सिर आने पर आदमी खाँसने लगता है| उसकी साँसें कम होने लगती हैं| वो अपने आप को घर के पीछे वाले कमरे में बंद कर लेता है|

मगर इन बड़ों को देखो, नाक का कपड़ा ठोड़ी पर चिपकाए बाज़ार में घूम रहे हैं| सब्ज़ी की दुकान पर कंधे से कंधे मिलाकर कोविड को गलियाँ दे रहे हैं|

ऐश्वर्य मोहन गहराना 

नए ब्लॉग पोस्ट की अद्यतन सूचना के लिए t.me/gahrana पर जाएँ या ईमेल अनुसरण करें:

Enter your email address to subscribe to this blog and receive notifications of new posts by email.

Advertisement

कृपया, अपने बहुमूल्य विचार यहाँ अवश्य लिखें...

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.