सुरा


विश्वबंदी २९ मई – सुरा 

सोमरस यानि शराब यानि अल्कोहल यानि आसव को अधिकतर एशियाई लोग गंभीरता से नहीं देते| हम एशियाई तो खैर किसी बात पर गंभीर नहीं हैं, हमें लगता है कि बस शांति के नशे में जिन्दगी बिताओ और यमराज के घर जाओ या किसी क़ब्र में लम्बा वाला आराम करो| गंभीरता तो सुरा सेवन से ही आती है| कभी ईमानदारी से लिखा जाए तो यूरोप के विकास में सुरा के योगदान को नकारा नहीं जा सकेगा| प्राचीन भारत के स्वर्णयुग में भी सुरा का महत्व दृष्टिगोचर होता है| अम्बेडकर जी ने रामराज्य की सफलता के पीछे सुरा के महत्त्व को पहचाना था पर विस्तार से उन्हें चर्चा नहीं करने दी गई| सुरा-विरोधियों को लगता है कि सुरा सेवन की बात एक गलत आरोप है जबकि यह तो वास्तव में गुणवत्ता है|

जिस प्रकार से सुरा आम मानव को आपस में जोड़ती है उसी प्रकार सुरा-विरोध धार्मिक कट्टरपंथी समुदायों को जोड़ता है – हिटलर से लेकर गाँधी तक सभी कट्टरपंथी मनुष्य, मुस्लिम से लेकर वैष्णव से लेकर जैन तक सभी कट्टरपंथी पंथ सुरा विरोध से जुड़े हुए है| कुल मिलाकर सभी असुर समुदायों में सुरा के प्रति घृणा का भाव रहता है| भारत में भी इसके प्रति अच्छी भावना का न होना लम्बे कट्टरपंथी दुष्प्रचार का परिणाम है| भारत के कट्टर पूंजीवादी गुजरात और कट्टर श्रमवादी बिहार में सुरा पर प्रतिबन्ध है|

करोनाकाल न होता तो मैं भी सुराविरोध के दुष्प्रचार में फंसा रहता और इसके आर्थिक-सामाजिक-शारीरिक-धार्मिक-आध्यात्मिक महत्त्व को नहीं पहचान पाता| मुझे लगता है कि मैंने अमरत्व के मूल को नहीं पहचाना| जल्दी ही मैं भारतीय सुरापंथ के प्रमुख ग्रन्थ मधुशाला का पाठ-मनन-चिंतन करूंगा|

करोनाकाल में सुरा के बारे में जो ज्ञान मुझे प्राप्त हुआ – इस प्रकार है;

  • सुरा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का मूल स्रोत व् संरक्षक है|
  • सुरा सेवन से कई कठिन विषाणु खासकर करोना दम तोड़ता है|
  • शरीर को साफ़ रखने के लिए विशिष्ठ प्रकार सुरा का शरीर पर छिडकाव और मर्दन करना होता है|
  • शैव व् शाक्त पूजा-हवन में सुरा का विशेष महत्त्व और धार्मिक लाभ है|
  • ध्यान- साधना से पहले योगीजन यदि अल्पमात्रा में सुरा सेवन करें तो ध्यान- साधना सरलता व् तरलता से संपन्न होती है|
  • काम साधना के लिए भी योग साधना जिंतनी अल्पमात्रा में सुरा सेवन करने की व्यवस्था मान्य है|
  • दुर्जन सुरा का अतिसेवन करकर अपनी योगसाधन और कामसाधना को नष्ट कर लेते हैं और समाज में सुरा विरोध का अंधआन्दोलन खड़ा करते हैं|
  • अति सदा वर्जनीय हैं| इस आलेख पर भी अतिगंभीर न हों|

Enter your email address to subscribe to this blog and receive notifications of new posts by email.

Advertisement

कृपया, अपने बहुमूल्य विचार यहाँ अवश्य लिखें...

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.