चिड़चिड़ा आंत्र संलक्षण और लैक्टोज असहिष्णुता


मैंने जन्म से लेकर लगभग बीस साल तक डट कर दूध दही और उनसे बनी हर तरह की चीज का सेवन किया है| मगर अचानक, मेरे पेट में दर्द शुरू हो गया| कई डॉक्टर, होमियोपैथ, वैद्य, हकीम, पण्डे पुजारी बेकार हो गए मगर दर्द था कि भूत की तरह जब मन करे मुझे जकड़ लेता था| सभी दवा, चूरन, चटनी, एक ही बात पर केन्द्रित थीं; पेट में कब्ज| पेट में कब्ज हम भारतीयों और हमारे चिकित्सकों की प्रिय बीमारी है|

आखिरकार, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में यह तो तय हुआ मुझे चिड़चिड़ा आंत्र संलक्षण (irritable bowel syndrome) है| कहा गया लाइलाज बीमारी है| खान पान पर ध्यान न दिया तो ईश्वर साथ में शतरंज खेलने के लिए बुला लेगा| कम मिर्च मसाला खाने वाले एक शुद्ध शाकाहारी के लिए परहेज की बात सुनना बहुत दुःखद बात है| ऐसी बीमारियाँ तो खाने वाले मुल्लों को होनी चाहिए या पीने वाले ईसाईयों को| चित्रगुप्त जी के वंशज ब्राह्मणों से भी श्रेष्ठ कुलश्रेष्ठ कायस्थ को कैसे होगई? मगर पुनर्जन्म और पिछले जन्म के कर्म भी तो कुछ करते हैं| हलके फुल्के मजाक के बाद भी प्रोफ़ेसर साहब ने लम्बे परहेज की बात नहीं की| छोटी सी लिस्ट थी, जिसमें पहचान करनी थी कि क्या क्या नुकसान कर रहा है| एक महीने में सही से पहचान हो पाई:

१.      दूध (उस समय तक मेरे बहुत प्रिय था),

२.      कोल्ड ड्रिंक, (जो इस जांच के लिए पहली बार पी थी)

३.      मिर्च, मसाले, हींग, (ज्यादा मात्र होने पर ही दिक्कत करते हैं)

मसाले घर में कम खाए जाते है तो बहुत दिक्कत नहीं हुई| कोल्ड ड्रिंक मैं पीता नहीं था, बाद में समाज में भी इनका चलन बढ़ गया है और पहला तर्क होता है की ये कोई शराब थोड़े ही है| लोग रंग और ब्रांड का भी हवाला देते हैं, मगर मुझे एक ग्लास भी बहुत नुकसान करती है और लगभग मार डालती है| देशी शर्बत बहुत अच्छा विकल्प हैं मगर लोग उस विकल्प को सामने नहीं रखते| कुछ दिनों से जूस का जरूर चलन हुआ है क्योकि वो डब्बा बंद आने लगा है| मुझे उस देख कर रहत होती है| बताता चलूँ कि चिकित्सक ने कहा बियर नुकसान नहीं करेगी मगर किसी और अल्कोहल को हाथ मत लगाना| बियर नुकसान तो शायद नहीं करती मगर उसे देखते ही लोग शराब पिलाने के लिए लड़ मरते हैं| इसलिए तौबा तौबा| कोला की मना होना और बियर की अनुमति होना भी बहुतों को रस नहीं आता|

मगर दूध!!!

उत्तर भारत में जन्म लेने के कारण मुझे लगता है कि “लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस” देश में सबसे अधिक पोलिटिकल करेक्ट शब्द है| अगर गलती से आपने कह दिया कि दूध से दिक्कत है या एलर्जी है तो आ बैल मुझे मार की कहावत आ भैंस मुझे मार बनकर आपके ऊपर टूट पड़ेगी| इस देश में दूध निंदा उतना ही बड़ा पाप है जितना पाकिस्तान में ईश निंदा|

डॉक्टर पागल होगा|

गाय का दूध लो|

ठंडा दूध नुकसान नहीं करता|

दूध में बादाम उबाल कर लो!

दूध छुआरा तो हर चीज की राम बाण दवा है|

दूध में बराबर का पानी डालकर इतना उबालो की आधा रह जाये फिर पीओ, मगर पीओ जरूर|

ये दूध नहीं बर्फी है मालिक|

जिसको भी पता लगता है, काटने दौड़ता है|

आज दस साल हो गए| पेट तभी परेशान करता है जब जीभ ज्यादा चल जाती है या शादी ब्याह में दूसरों का मन रखने के लिए एक कौर, बस केवल कौर खा लिया जाता है|

भारत में ब्रह्मा विष्णू महेश की तर्ज पर तीन प्रिय पेय हैं; बेबी ड्रिंक, कोल्ड ड्रिंक, हार्ड ड्रिंक| हर जगह इनके भक्त हैं|

मैं पानी पानी करता भागता रहता हूँ|

 

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