विश्व-बंदी १८ अप्रैल


उपशीर्षक – नए ध्रुव 

कल शाम हल्की बारिश हुई थी आज तेज हवाओं के साथ वैसी ही बारिश जैसी अक्सर फ़सल करने के दिनों में उत्तर भारत में आती रहती है| हवाएं गर्मी से राहत लेकर आईं| सूरज छिपने के साथ बादल भी कम हो गए|

दिल्ली में कुल ७६ कन्टेनमेंट ज़ोन घोषित हो चुके हैं| बीमारी नियंत्रण में महसूस होती है| सोमवार के कार्यालय और बहुत से कारोबार के खुलने को लेकर घरों में चिंता का माहौल है| जिन घरों के अकेले कमाने वाले – चिकित्सकीय कर्मचारी, पुलिस, आदि लोगों के परिवार को तिहरा संकट है – काम छोड़ नहीं सकते, नाते-रिश्तेदार-पास-पड़ोसी साथ छोड़ रहे हैं, भविष्य की चिंता तो है ही|

भारत्त के शेयर बाजार की खस्ता हालात के चलते हाल में चीन के पीपल’स बैंक ऑफ़ चाइना ने भारत की बेहद बड़ी कम्पनी एचडीऍफ़सी में एक फ़ीसदी से अधिक के शेयर खरीदे थे| जिसके बाद देश में चिंता का माहौल था| आज सरकार ने प्रत्यक्ष पूँजी निवेश के नियम के कड़ा परिवर्तन किया है जिसे चीन के आर्थिक आक्रांत को रोकने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है|

अभी तक भारत में बांग्लादेश और पाकिस्तान के नागरिक और कंपनियां को छोड़कर कोई भी विदेशी या विदेशी संस्था बिना किसी पूर्वानुमति के भी निवेश कर सकती थी| बांग्लादेश और पाकिस्तान के नागरिक और कंपनियां सरकारी अनुमति के बाद निवेश कर सकती हैं जिनमें से पाकिस्तान के लोगों के लिए कुछ विशेष क्षेत्र में निवेश मना था|

आज के बाद भारत के किसी भी भूमि- पडौसी देश के नागरिक और संस्थाएं बिना पूर्व अनुमति के निवेश नहीं कर पाएंगी, जिनमें से पाकिस्तान के लोगों के लिए कुछ विशेष क्षेत्र में निवेश मना रहेगा| पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, म्यानमार और बांग्लादेश आदि भारत के भूमि-पड़ौसी हैं|

चिंता यह हो सकती है कि यह क़दम चीन विरोधी नए अंतर्राष्ट्रीय ध्रुवीकरण में भारत की स्तिथि को एक तरफ़ खड़ा करता है| साथ ही सस्ता निवेश करने के लिए अन्य अमित्रों को भी खुला मैदान मिल सकता है| मेरी चिंता सऊदी अरब और इस्रायल से लेकर रूस और अमेरिका से आने वाला निवेश भी है खासकर तब जब यह निवेश उनके हाथ में नियंत्रण सोंप दे| खैर भी सब अटकलें हैं और सरकार चौकस लगती है|

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