उप-शीर्षक: संशोधित समेकित दिशानिर्देशों के साथ गृह मंत्रालय का आदेश
आज जब भारत सरकार के सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय का ईमेल मिला| इसमें संशोधित समेकित दिशानिर्देशों के साथ गृह मंत्रालय का आदेश दिनांक 15.04.2020 संलग्न करते हुए मंत्रालय ने आग्रह किया है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए इकाइयों में सभी एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए। साथ ही बहुत से मित्रों से वार्तालाप करते हुए समझ आया कि कुछ उद्योगपति और अधिकारी भले ही खुद घर पर बैठे हों, परन्तु कर्मचारियों और कामगारों के प्रति सहानुभूति न रखते हुए उन्हें येन-केन प्रकारेण कार्यालय में देखना चाहते हैं| तो सोचा कि इस सरकारी आदेश को कानूनी निगाह से देखा जाए| आज की करोना डायरी में यही सही|
मुख्य बात यह है कि अगर आपका कार्यालय या कारखाना अगर खोले जाने की अनुमत सूची में है तो उसे किस प्रकार की सावधानियाँ बरतनी है और किसे बुलाना यां नहीं बुलाना है|
आवश्यक रूप से कड़ा पाठ
क्यों कि यह आदेश एक ऐसे कानून से है जिसमें सजा का प्रावधान है और इसका उद्देश्य बेहद ख़तरनाक बीमारी को रोकना है, इसलिए इसको कड़ा नियम मानकर पढ़ना उचित होगा| इसका ढीला ढाला पाठ आपको सजा का भागी बना सकता है| इस कानून को तोड़ने पर आपको सजा देने के लिए आपकी दुर्भावना सिध्द करने की आवश्यकता नहीं होगी|
क्यों कि यह आदेश बेहद कम समय में तैयार किया गया है अतः इसमें कुछ बाते आगे पीछे हुई हैं| हमें इसे समग्र आधार पर ही पढ़ना चाहिए|
उलंघन पर सजाएँ
इस आदेश का उलंघन करने पर उलंघन करने वालों, जिनमें सरकारी कार्यालय व कंपनियों के अधिकारी शामिल हैं, को तो साल तक की जेल हो सकती है, साथ में जुरमाना तो है ही|
अनुमति नहीं है:
तेरह प्रकार की गतिविधियाँ पूरे देश में हर हाल में पूर्णतः बंद है| कुछ गतिविधियों को (पैराग्राफ ५-२० में) कन्टेनमेंट ज़ोन के बाहर अनुमति दी गई है| अन्य जिन गतिविधियों को अनुमति नहीं दी गई है उन्हें केवल घर से कार्य करने करवाने की अनुमति समझी जानी चाहिए और इसके लिए कार्यालय भूल कर भी न खोलें|
केंद्र सरकार में लगभग १७० ज़िलों को हॉट स्पॉट घोषित किया है| स्थानीय प्रशासन उन ज़िलों में इलाकों को कन्टेनमेंट ज़ोन घोषित कर सकता है, उदहारण के लिए दिल्ली में सभी नौ जिले हॉट स्पॉट हैं और इनमें इस समय कुल ६० कन्टेनमेंट ज़ोन हैं|
नहीं बुला सकते:
अनुमति के नियमों में सरकारी क्षेत्र और कुछेक अन्य क्षेत्र को अधिकतम अनुमति सीमा के अन्दर ही कर्मचारी बुलाने की अनुमति है| उदहारण के लिए सरकारी कार्यालयों में छोटे और मझोले अधिकारियों व् कर्मचारियों को ३०% से अधिक क्षमता में नहीं बुलाया जा सकता| परन्तु असली नियम यह नहीं है बल्कि अन्य है| असली नियम मैं नीचे बता रहा हूँ:
- कन्टेनमेंट ज़ोन में रहने वाले कर्मचारी नहीं बुलाये जा सकते, पर यह घर से काम कर सकते हैं
- ६५ वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारी नहीं बुलाये जा सकते, पर यह घर से काम कर सकते हैं|
- किसी भी बीमारी के ग्रस्त कर्मचारी, भले ही वो कार्यालय आने के लिए तैयार हों, नहीं बुलाये जा सकते, पर यह घर से काम कर सकते हैं|
- ऐसा कोई स्त्री-पुरुष जिनकी कोई भी संतान पांच वर्ष के कम हो, नहीं बुलाये जा सकते, पर यह घर से काम कर सकते हैं|
- बिना चिकित्सा बीमा कराएँ किसी व्यक्ति को नहीं बुलाया जा सकता, पर यह घर से काम कर सकते हैं|
- कार्यालय और किसी भी मीटिंग में बैठे हर व्यक्ति को दूसरे से एक मीटर/६ फुट दूर खड़ा या बैठा होना चाहिए|
- किसी भी मीटिंग में १० या अधिक लोग सामान्यतः नहीं बुलाए जाने चाहिए|
- किसी भी गैर जरूरी व्यक्ति को कार्यालय आने की अनुमति नहीं होगी|
कार्यालय की तैयारी:
- कार्यालय आने वाले हर व्यक्ति के आने जाने का प्रबंध कार्यालय करेगा, इसके लिए किसी भी सार्वजानिक वाहन का प्रयोग नहीं होगा|
- किसी भी वाहन में उसकी क्षमता के चालीस प्रतिशत से अधिक लोग नहीं बैठे होंगे| यानि चार और पांच सीटों वाली कार में मात्र दो लोग| पचास लोगों की बस में बीस लोग मात्र|
- कार्यालय खुलते और बंद होते समय सेनिटाइज़ किया जाएगा|
- कार्यालय में आते हर वाहन और उपकरण को विषाणु रहित किया जायेगा – लेपटोप, पेन पेन्सिल को शामिल समझने में ही भलाई समझें|
- कार्यालय में हर आते और जाते व्यक्ति के तापमान जाँचने की पूरी थर्मल स्क्रीनिंग व्यवस्था होगी|
- हर उचित स्थान पर सेनिटाइज़र और हाथ धोने की व्यवस्था होगी|
- भोजन-अवकाश के साथ नहीं होगा हर व्यक्ति अलग अलग भोजन करेगा| मित्रता और घुलने मिलने की अनुमति न दें|
- कोई बड़ी मीटिंग नहीं होगी|
- किसी भी हालात में एक साथ पांच व्यक्ति इकठ्ठे न हो| बेहतर समझ कहती है कि एक व्यक्ति प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अधिक व्यक्तियों के संपर्क में न आए|
- कार्यालय के निकटतम मौजूद कोविड -१९ जाँच केंद्र और अस्पताल और क्लिनिक की जानकारी उपलब्ध रहेगी|