भारतीय सामाजिक संचार माध्यमों गाय एक चर्चित मुद्दा है| लोग जान देने और लेने की धमकी दे रहे है| कुछेक हत्याएं और दंगे हो चुकीं हैं| मगर ज्यादातर भारतियों ने बहुत मुश्किल से ही किसी गाय को सींग मारते हुए नहीं देखा होगा| उन्होंने भी नहीं, जिन्होंने खुद गाय पाली है| गाय लात भी यदा कदा ही मारती है|
भारतीय मानस में ही नहीं वास्तविकता में भी गाय एक जैसा जानवर हैं जो सीधी है और जिस खूंटे से बाँधी जाये वहीँ बंधी रहती है| अगर दुधारू गाय को दिन भर के लिए घर से निकाल दिया जाये तो भी वो शाम को खुद दूध काढने के समय पर गौशाला पहुँच जाती है|
कम दूध देने वाली गाय को दूध के लिए प्रतिबंधित दवा के इंजेक्शन लगाये जाते है, पिटाई की जाती है, पैर बांध दिए जाते है; मगर विरोध का कोई शब्द नहीं आता|
गाय मानव से प्रेम करती है| मगर उसकी स्थिति उस माँ की तरह है, जिसके पैर छू कर सब स्वर्ग जाना चाहते हैं मगर सेवा कुछेक है करते हैं; और बुढ़ापे में वो कुछेक भी साथ छोड़ने लगते हैं| मगर गाय का मानव प्रेम कम नहीं होता| आप शायद ही कभी देखेंगे कि कभी चिढ़चिढ़ी होकर गाय ने किसी को मारा हो| क्षमा उसके जीवन का मर्म है|
दुर्भाग्य से प्रेममय होकर भी भगवान और गाय, घृणा और हिंसा का सबसे बड़ा कारण बन गए हैं| आयें प्रेम फैलाएं|
जिस प्रकार पीटे जाने पर भी गाय प्रेम कम नहीं करती है, हम सब भी अनुशरण करें|
For Indian social media, cow is a cause of big debate. Peoples threat each other to kill and be killed. Few murdered and riots already reported in media. This is happening when most Indians have rarely seen a cow attacking anyone.
Not only in Indian Psyche but in reality, Indian cow is a very generous and never protest on restrictions.
Cow usually faces assault for milk. Many cow given injection which is prohibited medically and legally.
Cow loves humans. It is like a mother, who is respected in expectation of heaven but very few pay any service.
Unfortunately, loving god and cow are becoming biggest reason for hate and violence. Spread love.
A cow still loves humans even after they assault her, we have to follow the love.