बेटा मिग उड़ाता था![i]
हँसती थी माँ,
गाती थी माँ,
बचपन में जब,
बेटा जहाज उड़ाता था|
गाती थी माँ,
गोदी में लेकर,
सपनों की लोरी,
बेटा सोने जाता था|
रचती थी माँ,
चौके में जाकर,
भोजन थाली,
बेटा पढ़ने जाता था|
डरती थी माँ,
अनहोनी बातों से,
नन्हे हाथों में जब,
बेटा बन्दूक उठता था|
उठाती थी माँ,
मिठाई के दौनों से,
आसमां सर पर,
बेटा अव्वल आता था|
रोती थी माँ,
भूली बिसरी यादों से,
अनहोनी आहों से,
बेटा चुप करता था|[ii]
सुख सांझे थे,
दुःख सांझे थे,
माँ के सपनों के गुल्ले,
बेटा बुनकर लाता था|

शिखर कुलश्रेष्ठ
चित्र आभार सहित http://indiatoday.intoday.in/story/iafs-mig-21-bison-crashes-in-uttarlai-in-rajasthan-pilot-killed/1/291418.html
मुस्काती थी माँ,
संतोष में पल में,
दिनभर मेहनत की,
बेटा खबर सुनाता था|
उड़ती थी माँ,
गाती थी माँ,
बच्ची थी माँ,
बेटा मिग उड़ाता था|
क्या करती माँ?
क्या करती माँ!!
हाय रे हाय,
बेटा मिग उड़ाता था!!!
क्या करती माँ?
क्या करती माँ!!
हाय रे हाय,
बेटा मिग उड़ाता था!!!