उपशीर्षक – कार्य असंतुलन
आजकल पता नहीं लग रहा कि कौन सा दिन कार्यदिवस है और कौन सा छूट्टी| दीर्घ सप्ताहान्त जैसे शब्द बेमानी हो चले हैं| घर से कार्य की अवधारणा में भी गजब की गड़बड़ हो रही है| घर से काम करने की छुट्टी या घर से काम की छुट्टी या घर का काम करने की छुट्टी जैसे शब्द चर्चा का विषय हैं| वैसे हर कोई अपनी सुविधा के साथ काम कर रहा है इसलिए इन छुट्टी का खास महत्त्व महसूस नहीं किया जा रहा| कोई सार्वजानिक त्यौहार नहीं मनाया जा रहा| कठिनाइयाँ तो काम करने में आ रहीं हैं|
इधर जिन घरों में ले दे कर एक ही कंप्यूटर या लैपटॉप है वहाँ पारिवारिक सामंजस्य कठिनतर हो गया होगा है| मेरे घर में दो लैपटॉप के बाद भी सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा| मेरे लैपटॉप पर मेरा एकछत्र राज्य है| दूसरे लैपटॉप को पत्नी को अपने दफ़्तर के कामकाज और बेटे को अपनी पढाई के लिए लैपटॉप चाहिए| एक पारिवारिक मित्र के घर में सुबह आठ से दोपहर बारह बजे तक बच्चों को और उसके बाद बारी बारी से पति पत्नी को घर का एकमात्र लैपटॉप प्रयोग करना पड़ रहा है| आप बच्चे को पढ़ने से रोक नहीं सकते और पति-पत्नी दोनों काम ही नहीं कर पा रहे| फर्ज़ कीजिए घर में दो या तीन बच्चे हैं तो घर का माहौल इतना ख़राब है कि नरक को अच्छा बताया जा रहा है| जिन घरों में कार्यालय जाने वाले तीन चार लोग हैं वहाँ के हालात देखकर इतने ख़राब हैं कि सुबह दूरदर्शन पर रामायण देखते समय घर में महाभारत हो जाती है और शाम को महाभारत के समय तक पति देव राम बनकर पत्नी त्याग तक की बात करने लगते हैं|
शाम तक सरकार ने घुमावदार शब्दों में मान लिया कि चिकित्सकीय खासकर सुरक्षा उपकरणों की कमी है| सरकार को लगता है कि जल्दी ही दवाएं और उपकरण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होंगे| हकीकत यह है कि भारत में पर्याप्त संख्या में रोग की जाँच भी नहीं हो पा रही है| अस्पताल बीमारों को दाखिल करने से मना कर रहे हैं| कई मामलों में बीमार सामाजिक बहिष्कार के भय से अस्पताल नहीं जा रहे, जो जा रहे हैं वो भाग रहे हैं यहाँ तक कि बीमारी के भय से आत्महत्या भी कर रहे हैं| कई शहरों में अल्पसंख्यक, अनुसूचित जातियों और महिलाओं की मृत्यु दर में अकारण वृद्धि दर्ज करने की खबरें है| इंदौर में मुस्लिम समुदाय में मृत्यु दर बढ़ने की खबर अखबारों में छपी है|