अरी जलेबी गोल मटोल
घूमा घामी पोलम पोल
चाशनी तेरी झोलम झोल
रंग तेरा लालम घोल|
तेरी मौसी इमरती माई
फिर भी तू हमको भाई
इमरती हमने सूखी पाई
तेरे संग में दूध मलाई|
दूध मलाई राबड़ी भाई
देख के हमने दौड़ लगाईं
कड़ी कुरकुरी बड़की माई
मरी मुलायम हमने पाई|
ठण्डी मंडी तुझको खाऊँ
दही जामन उसमें पाऊँ
ठण्डी गर्मी क़स्बा गाऊँ
दूगनम दून मैं खा जाऊँ||
– – ऐश्वर्य मोहन गहराना