छोटे शहरों में जिस तरह घरेलू झगड़े देखने के लिए मजमा लगता है, वैसे ही आजकल हमारे टेलीविजन पर गिरफ्तारियां देखने का मजमा लगता है| ये टेलीविजन वाले अपनी कानूनी समझ में इतने कच्चे होते हैं कि गिरफ़्तारी को ही न्याय का अंतिम सत्य मान कर चौबीस घंटे का उत्सव मना लेते हैं|
पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने एक एयर होस्टेज को हवाला लेनदेन के मामले में हवाई जहाज से उतार कर गिरफ्तार कर लिया| दिन भर मीडिया में इस तरह हल्ला मचा जैसे देश के असली दुश्मन को पकड़ लिया गया हो| चेनलों की हवाला से क्या वास्ता? उन्हें तो एयरहोस्टेज प्रोफेशन के साथ जुड़े ग्लेमर की आड़ में अपनी टीआरपी बढ़ाने से मतलब|
हवाला लेनदेन के मामले में धन को इधर से उधर लाने ले जाने वाले की भूमिका कठिन और मूर्खतापूर्ण होती है| यह लोग माल के मालिक नहीं, हवाला के ढाबे के छोटू नौकर होते हैं| मगर माल के असली मालिक और कर्ताधर्ता कोई और लोग होते हैं|
खैर मामले में कथित तौर पर एक हवाला ऑपरेटर को भी गिरफ्तार क्या गया है| हवाला ऑपरेटर का काम कुछ कुछ रंगरेजों या किसी ढाबे के रसोइये की तरह का है| यह लोग देश का काला धन बाहर देशों की आर्थिक गंगा में दुबकी लगा कर सफ़ेद कर लाते हैं|
हमारा मकसद यहाँ किसी एयर होस्टेज, हवालाकर्मी या हवाला ऑपरेटर का बचाव करने का नहीं| मगर प्रश्न यह उठता है कि आखिर यह हवाला प्रयोग करने वाले महारथी कौन लोग है? यह क्यों नहीं पकड़े जाते| ख़बरों में कहा गया कि कुछ सर्राफ़ा बाज़ार के लोग हैं| हवाला की गंगा में सर्राफ़ा बाज़ार का महत्त्व गंगोत्री जैसा है| लोग अपना काला धन लाते हैं और उसे यहाँ सुनहरा निवेश बनाकर उन्हें दे दिया जाता है| इसके आगे उस काले धन को देश विदेश की गंगा में दुबकी लगा लगवाकर सफेदी करने का काम हवाला के हिस्से में आता है|
अब हमारे देश में काला धन पैदा करने वालों पर हाथ डालना तो मुश्किल काम है| काले धन वाले क़ानून के इतने पास बैठे हैं कि क़ानून के लम्बे हाथ उनसे आगे निकल जाते हैं और उन्हें पकड़ नहीं पाते| इसीलिए हमारे देश में वित्तमंत्री लोग उनके लिए आम माफ़ी योजना लाते रहते हैं और क़ानून की इज्ज़त बचाते रहते हैं|
मगर कभी सोचा नहीं हमने कि अगर टैक्स चोर न हों तो यह हवाला ऑपरेटर क्या करेंगे? यह टैक्स चोर ही वास्तव में हवाला के असली माईबाप और असली चेहरा हैं|