जल्दी है मुझे
दौड़ जीतने की|
जल्दबाजी में मैंने छोड़ दिया है
जूते पहन कर आना|
बदहवाश सा दौड़ रहा है
वक़्त मेरे आगे|
मेरे सीने में जलता बारूद
उसे रुकने नहीं देता|
पहाड़ से ऊपर उठते हुए
रुक जाना है मुझे,
बारीक सी कंकड़ी
मेरे पैर में चुभी है|
मन का आक्रोश
उदास है
सहमा हुआ क्रोध
मुस्कुराता है|
मेरा वो पुराना जूता
कहाँ है
जिसका जिक्र करना
छोड़ दिया है मैंने|