नीबू की चाय से उठती भाप
की उस भीनी भीनी सी गंध में
अरे तुम ही तो हो!!
साँसों की सरगम में घुलकर
मेरे फेफड़ों में उतरते हुए
मेरी रक्त शिराओं में बहती
मेरे हर विचार का असल
अरे तुम ही तो हो!!
नीबू की चाय के हर घूँट में
खट्टे मीठे से नमकीन स्वाद में
अरे तुम ही तो हो!!
मेरे होठों पर गुलाबी मिठास
मेरी जीभ के नमकीन अहसास
रोम रोम का कांपता कम्पन
रगों में दौड़ती गुनगुनी धुप
अरे तुम ही तो हो!!
चाय की छोटी सी प्याली में
ठहरे समंदर की शांत लहरों में
अरे तुम ही तो हो!!
मेरी धड़कनों की धुँधली सी ध्वनि
माथे पर उँगलियों की छुवन सी
स्पर्श के सरगम से संगीत तक
ठंडे भारी पल में गर्माहट सी
अरे तुम ही तो हो!!
नीबू की चाय से उठती भाप
की उस भीनी भीनी सी गंध में
अरे तुम ही तो हो!!