मोबाइल की वापसी


परसों मेरे पिताजी का मोबाइल कहीं खो गया| वो अलीगढ़ नुमायश से लौटते हुए खुश थे और वह खुश हम लोगों को फ़ोन पर बाँटना चाहते थे| जब पड़ोसियों ने फ़ोन कर कर मुझे बताया तो मैंने मोबाइल कंपनी को फ़ोन कर कर उनके नंबर से आउटगोइंग बंद करा दी| पिताजी ने किसी भी असुविधा से बचने के लिए घर के पास के थाने में भी सूचना दे दी| मगर पुलिस को सुचना तो दर्ज नहीं करनी थी तो नहीं की, अलबत्ता एक प्रति पर मोहर लगा कर वापिस जरूर दे दी|

बच्चों से दूर घर में अकेले रहने वाले बूढ़े व्यक्ति के लिए मोबाइल खो जाना अपंग होने जैसा ही है| अब दिल्ली से ही उनके लिए दूसरे सिम का भी इंतजाम करना था और फ़ोन का भी| अलीगढ़ में कूरियर कंपनी के ख़राब रिकॉर्ड के कारण में ऑनलाइन खरीद भी नहीं करना चाहता था|

जब मैं शाम को मोबाइल हैंडसेट पर विशेषज्ञता रखने वाली एक पत्रिका के पन्ने पलट रहा था तो अचानक मेरे मोबाइल पर एक सन्देश आया| यह किसी अनजान मोबाइल से आया था मगर उसके नीचे एक आईएम्आईई नंबर दिया हुआ था| पहले तो मुझे सन्देश समझ नहीं आया, मगर थोड़ी देर बाद मैंने सन्देश भेजने वाले नंबर पर फ़ोन किया| यह सन्देश “सिम चेंज अलर्ट” था, जिसे कई साल पहले मैंने इस मोबाइल में चालू किया था|

साधारण शिष्टाचार के बाद मैंने पूछा, भाई फ़ोन कहाँ से चुरा कर लाये हो? वो हकलाने लगा और फ़ोन काट दिया| मैंने दोबारा फ़ोन किया तो उसने बोला, सड़क पर पड़ा मिला है, मैं वापिस कर दूंगा| मैंने उसे अपने घर के पास की एक जगह पहुँचने के लिए बोला|

एक घंटे बाद भी जब कोई नहीं पहुंचा, तो मैंने दोबारा फ़ोन किया| इस बार उसने कहा वो सड़क पर जिस जगह फ़ोन मिला था वहां रख देगा, आप उठवा लो| मैंने उसे समझाया कि वो फंस गया है और अगर फ़ोन वापिस कर देता है तो पुलिस नहीं भेजी जाएगी| उसने फ़ोन काट दिया| उधर अलीगढ़ में पूरा मोहल्ला इकठ्ठा होकर मोबाइल वापिसी का चमत्कार देखने के लिए बैठा था और मुझे दिल्ली से लाइव कमेन्ट्री देनी पड़ रही थी| मैंने सबको अपने अपने घर जाने के लिए कहा क्योंकि मोबाइल की वापसी का कोई पक्का समय मुझे नहीं मालूम था|

देर रात, अचानक मेरा मोबाइल फिर बजा| यह उसी नंबर से फ़ोन था| “मैं आपके बताये स्थान पर खड़ा हूँ, मुझे किधर पहुंचना है?” मैं उसे पड़ोस के एक घर का पता बताया| क्योंकि पापा के पास फ़ोन नहीं था, मैंने पड़ोस में एक दुसरे घर में फ़ोन किया| मैं किसे अकेले को मोबाइल चोर गिरोह से सामना करने नहीं छोड़ सकता था|

पांच मिनिट में मोबाइल पड़ोसियों के पास था| उसने बताया, आपका सिम मैंने पहले फैंक दिया था मगर अब ढूंड कर वापिस लगा दिया है|

अगले दिन पुलिस को मोबाइल मिलने की सूचना दी गई मगर उन्हें इसकी भी कोई ख़ुशी नहीं हुई| मगर पिताजी में कह कर एक प्रति पर मोहर लगवा ली| मैंने भी उसमें आउटगोइंग वापिस चालू करवा दी|

एक छोटी से सुविधा आपको खुश कर सकती है|