हनुवंतिया जल महोत्सव


फरवरी 2016 में हुए प्रथम  हनुवंतिया जल महोत्सव के बारे में सुनकर वहां जाने की तीव्र इच्छा थी | मेरी उत्सुकता का अनुमान पिछले ब्लॉग पोस्ट से लग ही जाता है| द्वितीय जल महोत्सव 15 दिसंबर से प्रारंभ हुआ| हम 16 दिसंबर को इन्दोर से टैक्सी द्वारा ढाई – तीन घंटे की यात्रा कर कर हनुवंतिया पहुंचे| निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने तम्बुओं (स्विस टेंट) का पूरा गाँव बसा रखा था| आधुनिक प्रकाश व्यवस्था वाले वातानुकूलित तम्बू में आधुनिक दैनिन्दिक सुविधाएँ थीं| सुख सुविधा अनुभव आराम को देखते हुए तबुओं के इन किरायों को अधिक नहीं कहा जा सकता|

क्योंकि हम सूर्यास्त से कुछ पहले ही पहुंचे थे, वहां पर चल रही अधिक गतिविधियों में भाग नहीं ले सके| नियमानुसार यह गतिविधियाँ सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही हो सकतीं हैं| यहाँ गतिविधियों में जल – क्रीड़ा, साहसिक खेल, आइलैंड कैम्पिंग, हॉट एयर बलून, पेरा सेलिंग, पेरा स्पोर्ट्स, पेरा मोटर्स, स्टार गेजिंग, वाटर स्कीइंग, जेट स्कीइंग, वाटर जार्बिंग, बर्मा ब्रिज, बर्ड वाचिंग, ट्रैकिंग, ट्रीजर हंट, नाईट कैम्पिंग आदि  बहुत कुछ शामिल है|

इंदिरा सागर बांध 950 वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा बड़ा है| यह क्षेत्रफल की दृष्टि से सिंगापूर जैसे देश से बड़ा है| समुद्र जैसे विशाल इंदिरा सागर बांध के किनारे टहलना, साइकिल चलाना और चाँदनी रात में लहरों को निहारना अपने आप में अच्छा अनुभव था| निगम की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन तो था ही| आगंतुकों के लिए काफी बड़े भोजनालय का भी प्रबंध किया गया है|

सुबह जल्दी उठकर मैंने योग – ध्यान का नियम पूरा किया| निगम की ओर से योगाचार्य के मार्गदर्शन का लाभ यहाँ लोगों के लिए उपलब्ध है| हवा सुबह से असमान्य रूप से तेज बताई जा रही थी| फिर भी पैरा – ग्लाइडिंग और पैरा – मोटरिंग का आनंद लिया गया| बाद में तेज हवा और तेज लहरों के चलते बहुत से गतिविधियाँ स्थगित कर दीं गईं| मौसम का आप कुछ निश्चित नहीं कह सकते परन्तु इसके बदलते रुख से आनन्द में वृद्धि ही होती है| अगले दिन सभी गतिविधियाँ सामान्य रूप से हो  रहीं थीं, परन्तु मेरे पास उनके लिए समय नहीं था|

दूसरा जल महोत्सव पूरे एक माह चलेगा| अगर आप जल महोत्सव की भीड़ से इतर जाना चाहें तो यहाँ पर्यटन निगम की ओर से स्थाई व्यवस्था है| हाउसबोट का काम अपने अंतिम चरण में था| उनका निरिक्षण करने के बाद उनमें रुकने की इच्छा जाग्रत हुई|

खंडवा रेलवे स्टेशन से हनुवंतिया 50 किलोमीटर है और इन्दोर हवाई अड्डे से यह 150 किलोमीटर है|

नीलाभ जल वाला हनुवंतिया आपको बुला रहा है|

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हनुवंतिया पुकारे आजा…


मध्य प्रदेश में जल – पर्यटन? जी हाँ, इंदिरा सागर बांध सुना है न| उसी में सौ से अधिक द्वीप और टापू उभर आये हैं| हनुवंतिया से टापुओं का यह सिलसिला शुरू होता है| हनुवंतिया टापू नहीं है, यह तीन ओर से नर्मदा के बांधे गए जल से घिरा हुआ है| मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम इसको विकसित करने के क्रम में दूसरा जल-महोत्सव आयोजित कर रहा है –  15 दिसंबर 2016 से एक महीने के लिए|

बारिश के बाद जब बाँध में बहुत अच्छा पानी आ जाता है और गर्मियों तक बना रहता है, तब मध्यप्रदेश में जल – पर्यटन का सही समय है| मध्यप्रदेश में कड़ाके की हाड़ कंपाने वाली ठण्ड भी नहीं पड़ती| नर्मदा का पवित्र स्वच्छ जल और प्राकृतिक संसार, आपको लुभाते हैं| आस पास सघन वन, वन्य – जीव, रंग – बिरंगे पक्षी माहौल को रमणीय बना देते हैं| जीवन की आपाधापी से दूर आपको क्या चाहिए – तनाव मुक्त नीलाभ संसार|

हनुवंतिया में क्रुज, मोटर बोट के बाद अब हाउस बोट भी शुरू हो रहीं हैं| जल – क्रीड़ा, साहसिक खेल, आइलैंड कैम्पिंग, हॉट एयर बलून, पेरा सेलिंग, पेरा स्पोर्ट्स, पेरा मोटर्स, स्टार गेजिंग, वाटर स्कीइंग, जेट स्कीइंग, वाटर जार्बिंग, बर्मा ब्रिज, बर्ड वाचिंग, ट्रैकिंग, ट्रीजर हंट, नाईट कैम्पिंग आदि  बहुत कुछ शामिल है|

इंदिरा सागर बांध 950 वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा बड़ा है| इस लिए यहाँ पर्यटन के क्षेत्र में विकास और निवेश की अपार संभावनाएं है| सरकार निजी क्षेत्र को यहाँ पर्यटन विकास के लिए प्रेरित कर रही है| जल्दी ही बहुत से रिसोर्ट, हाउसबोट आदि यहाँ आने की सम्भावना हैं|

खंडवा रेलवे स्टेशन से हनुवंतिया 50 किलोमीटर है और इन्दोर हवाई अड्डे से यह 150 किलोमीटर है| मध्य प्रदेश का हरा भरा निमाड़ क्षेत्र (इंदौर के आसपास का क्षेत्र) अपनी संस्कृति और विविधता के लिए जाना जाता है| विन्ध्य पर्वत माला की सतपुड़ा पहाड़ियां, नर्मदा और ताप्ति नदियाँ, ॐकारेश्वर का मंदिर और भीलों की मीठी निमाड़ी बोली निमाड़ की पहचान हैं| मध्य प्रदेश के इसी निमाड़ क्षेत्र में है खंडवा| खंडवा से याद आते हैं – फिल्म अभिनेता अशोक कुमार, किशोर कुमार, अनूप कुमार| हिंदी की प्रसिद्ध राष्ट्रवादी कविता “पुष्प की अभिलाषा” भी पंडित माखन लाल चतुर्वेदी द्वारा यहीं खंडवा में लिखी गई थी|

नीलाभ जल वाला हनुवंतिया आपको बुला रहा है|