जिस तरह उत्तर भारत में दिवाली का त्यौहार बेहद खास होता है, उसी तरह से अलीगढ़ में हमारे घर में भी होता है| मगर दिवाली के अगले दिन का कार्यक्रम इतना अधिक तय है कि पिछले सोलह सत्रह साल से इसमें किसी भी गम – ख़ुशी के बाद भी कोई परिवर्तन नहीं आया है|
सुबह साढ़े सात बजे चाय पीकर मैं सुदामापुरी जाता हूँ, अन्नकूट के लिए सभी सब्जियाँ लेने| उस से पहले चाय पीते समय घर में मौजूद सब्जियों के बारे में मुझे बताया जाता है| दरअसल अन्नकूट बहुत सारी सब्जियों से मिलकर बनती है और उस दिन अधिक से अधिक सब्जियाँ इकट्ठी करना हमारा शौक है| हमेशा १०८ को लक्ष्य मानकर चला जाता है जो कम ही पूरा होता है| पिछले साल केवल ७५ सब्जियाँ हुई थी| अभी तक इस लक्ष्य के लिए फ्रोजन फ़ूड का प्रयोग नहीं किया गया है, न शायद आगे किया जायेगा| आखिर त्यौहार पर स्वाद का मामला है|
सुदामापुरी में इस बार सौ रुपये किलो का भाव था| मेरी पसंदीदा दुकान पर हर ग्राहक को टोकरियाँ और छुरियाँ दी गयीं थीं| मेरा लक्ष्य है कम से कम वजन और अधिक से अधिक सब्जी| इस बार भी दुकान पर लगभग ७० सब्जियाँ है| बहुत छोटे छोटे टुकड़े करने के बाद भी १.६ किलोग्राम का वजन हुआ| मैं इतनी कम गिनती के साथ घर नहीं जाना चाहता| मेरे बेटे का पहला अन्नकूट है जब वो १०० तक गिन सकता है| मुझे गिनती पूरी करनी है| मैं और दुकानों में जाता हूँ और एक दुकान पर मुझे दो दर्जन भर नई सब्जियाँ नजर आतीं है| आधा किलो सब्जियाँ और खरीदी गयीं|
हमेशा की तरह साढ़े नों बजे घर पहुंचा हूँ| अब साफ़ चादर पर सब्जियाँ सजाई जाएँगी, गिनी जाएँगी| और उनका चित्र उतरा जायेगा| उनकी सूची बनेगी| मैं बहुत सारे नाम भूल जाता हूँ| सारी सब्जियों के नाम दुकानदार भी नहीं जानते, या भूल जाते हैं| यह पूरा एक घंटे का कार्यक्रम है| जिस में महिलाऐं रूचि और अरुचि दोनों रखतीं हैं| उन्हें जल्दी से सब्जी साफ़ करनी और काटनी है| वर्ना कुछ सब्जियाँ ख़राब हो सकतीं हैं|
सफ़ेद चादर पर पापा और बेटे ने मिलकर सब्जियाँ सजा दी हैं| बाबा और नाती ने गिनती पूरी कर ली है| अभी ९८ सब्जियाँ ही हुईं है| चलो पहले लिस्ट बनाते हैं| कायस्थ परिवार प्रायः दिवाली पूजन के बाद दौज पूजन तक कलम नहीं चलाते, मैं कंप्यूटर भी प्रायः नहीं लिखता| मगर… यह हमारा अपवाद हैं| लिस्ट पूरी होने तक घर में कुछ और विकल्प तलाशे जायेंगे|
- ग्वारपाठा (अलोएवेरा)
- प्याज
- आलू
- अरबी किस्म १
- अरबी किस्म २
- अमरुद
- सेब
- ब्रोकली
- गोबी
- पत्तागोबी
- बैगनी पत्ता गोबी
- मूली
- टमाटर
- आंवला
- करीपत्ता
- बथुआ
- राजमा फली
- रमास फली
- अमेरिकन कद्दू
- सीताफल
- काशीफल
- हरसिंगार पत्ता
- हरसिंगार फूल
- कचालू
- *पत्ता*
- कटहल
- हरी प्याज
- नीबू
- हरा धनिया
- हरी मिर्च
- अदरक
- लहसुन
- कुल्फा
- पटसन फूल
- लाल मूली
- लाल मूली पत्ता
- शलगम
- शलगम पत्ता
- *जंगली करेला*
- बैगनी सेंगरी
- *बीन्स*
- सेंध
- जिमीकंद
- रतालू
- अनन्नास
- मैथी पत्ता
- सोया पत्ता
- पोदीना
- *फल*
- *फल*
- हरा नारियल
- चना साग
- सहजन फली
- लाल चौलाई
- गूलर फल
- बेबी कॉर्न
- स्वीट कॉर्न
- गाजर
- करेला
- *कंद*
- *छोटा टिंडा*
- हरी हल्दी
- अनारदाना
- कच्ची इमली
- कमरख
- कच्चा केला गूदा
- कच्चा केला छिलका
- कच्चा आम
- गोल गहरा बैगनी बैगन
- गोल हल्का बैगनी बैगन
- लम्बा बैगनी बैगन
- लम्बा हरा बैगन
- छोटा बैगन
- *पीला बैगन* (सफ़ेद बैगन नहीं मिला)
- पालक
- गांठ गोबी
- गांठ गोबी पत्ता
- लेट्तुस
- तरबूज
- हरी मटर
- चपटी सेम
- मोटी सेमविदेशी सेम
- कुकुरमुत्ता (मशरूम)
- सिंगाड़ा
- लाल शिमला मिर्च
- हरी शिमला मिर्च
- तोरई
- कच्चा पपीता
- मौसमी
- कुंदुरू
- झरबेरी
- *हरी सब्जी/ फल*
- कमल ककड़ी
- अरबी बोड़ा
- चुकंदर
- परवल
- भिन्डी
- खीरा
- लौकी
- पार्सले
- पालक
- मूली पत्ता
- सरसों पत्ता
- सरसों फूल
- तुलसी पत्ता
- सहजन पत्ता
- सहजन फूल
- मेवे (काजू बादाम पिस्ता)
यह नोट किया गया कि इस मौसम के कुछ सामान जैसे शकरकंद, हरी सौंफ रह गए, जिन्हें लाया जा सकता था| सब्जी सजाते और लिस्ट बनाते में ११ बज गए हैं|
अगले डेढ़ घंटे तक दो लोग सब्जी काटेंगे| कोई भी सब्जी १० ग्राम से अधिक नहीं जाये और पत्तेदार सब्जियाँ कुल मिला कर दो तिहाई से कम हों| मसाले वाली सब्जी जैसे हरी हल्दी सही अनुपात में ही रहें| हम जानते है कि अगर सब्जियाँ सत्तर से अधिक हैं तो विशेष स्वाद आयगा वर्ना तो खाना सिर्फ खाने लायक ही बनेगा|
करीब एक बज चुका है| साधारण हींग जीरे के बेहद सादा मसाले में सब्जियों को छोंका जा रहा है| सूखा धनिया और हल्दी भी डाली जा सकती है| सभी कटी सब्जियाँ प्रेशर कूकर में डाल दी गयीं है| मध्यम आंच| तीन या चार सीटी| कुल मिला कर १० मिनिट आंच पर|
हल्का खाने का मन है तो रोटी वर्ना पूड़ी बनेंगी| इस बार रोटी बनाई जा रही है|
अगले साल का इन्तजार है| हम साल में कई बार मिक्स वेजिटेबल बनायेंगे मगर वो कबी अन्नकूट की जगह नहीं ले पायेगा|
पापा कह रहे हैं, अगर अलीगढ़ में १०८ सब्जियाँ मिल सकतीं हैं तो पूरे भारत में १००८ से अधिक तो हर हाल में होंगी| पापा शायद एक महान समारोह की परिकल्पना कर रहे है|
Tangy Tuesday Picks – December 1, 2015
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