अदालती दलाल सूची


आम जनता को कानून रूखे सूखे नजर आते हैं। किसी विधि-विशेषज्ञ से पूछिए तो कानून नींबू की तरह रसदार होते हैं। साहित्य रुचि के वकीलों को इनमें नवरस का आनंद मिलता ही रहता है।

एक कानून आया। कब और कहाँ, उसे रहने दीजिए, आप उसका रस देखिए।

इसमें कहा गया है, अदालतें अपने दलालों की सूची (List of Touts) बनाएँगी – कानूनी भाषा में कहें तो अदालतें अपने दलालों की सूची बना सकेंगी। अदालतों को अब यह अधिकार दिया गया है। यह अधिकृत सूची होगी। इसे संबन्धित अदालत में लटकाया जाएगा।

जब से यह कानून आया है सतह के नीचे हड़कंप मचा हुआ है। हर कोई इसमें अपना नाम चाहता है। मगर कठिन तरीका है। बदनाम होंगे तो क्या नाम न होगा?

इस कानून के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय को शामिल नहीं किया गया है। उच्च न्यायालय, जिला व सत्र न्यायालय और जिला स्तर की मालगुजारी अदालतों (revenue courts) में ही यह प्रक्रिया होगी।

इस सूची में अपना नाम शामिल करवाने के लिए संबन्धित व्यक्ति को आदतन दलाल (tout) होना चाहिए। अब यहाँ “आदतन” का कोई पैमाना नहीं है। दूसरा इस व्यक्ति की अपनी एक “साख” होनी या नहीं होनी चाहिए। कहने का अर्थ है उसकी साख का ध्यान रखने का प्रावधान है।

इसके अलावा भी शर्तें हैं। इस व्यक्ति का विधि व्यवसाय से संबंध होना चाहिए। चाहे खुद वकील हो, वकील के लिया काम करता हो या वकील होना चाहता हो, या वकीलों के लिए काम जुगाड़ता हो आदि-आदि। या फिर यह व्यक्ति इसी प्रकार के काम के लिए अदालतों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, सराय होटलों आदि का चक्कर काटता रहता हो।

सूची में नाम शामिल करने के लिए संबन्धित अदालत अपनी निचली अदालत को संबन्धित व्यक्ति के बारे में सुनवाई करने ले किए कह सकती है। यहाँ संबन्धित व्यक्ति यह बताने का मौका मिलेगा कि इस सूची में उसका नाम क्यों न शामिल हो। संबन्धित बार असोसिएशन की राय भी ली जाएगी।

यह एक ऐसी सूची है, जिसमें नाम शामिल करवाने ले लिए प्रार्थना पत्र नहीं लगेगा। आपको अपने विरुद्ध कार्यवाही करवानी होगी। असफल रहे तभी नाम आ पाएगा।

अदालत ऐसे व्यक्ति का नाम शामिल करते समय उसे अदालत के परिसर से बाहर रहने के लिए कह सकती है।

अब, आम जनता की चिंता तो यह है कि जिसका भी नाम शामिल हो, कम से कम कुछ गारंटी तो हो। वरना कोई भी कह जाता है, काम पक्का होगा जी, बस भगवान पर भरोसा रखिए।

पुनश्च : संबन्धित कानून पर व्यंगात्मक रूप से लिखा गया है। गंभीर होने पर संबन्धित कानून The Advocates Amendment Act, 2023 को गंभीरता से पढे।