वैश्या का बलात्कार


 

किसी भी पीडिता स्त्री को वैश्या साबित किया जाना, भारतीय न्यायालयों में बलात्कार के आरोप के बचाव के रूप में देखा जाता है| प्रायः स्त्री को चिकित्सकीय जाँच में यह बताया जाता है कि “यह आदतन” है| परन्तु, विवाहिता स्त्री अथवा लम्बे समय से शोषण का शिकार रही स्त्री को यह जाँच क्या बताती है? मैं दो प्रश्नों पर विचार का आग्रह करूँगा|

लेकिन क्या किसी वैश्या से “जबरन यौन सम्बन्ध” बनाना अपराध नहीं हैं? किसी भी वैश्या की सहमति लेना शायद समाज में सबसे आसान होता होगा; परन्तु जो पुरुष यह आसान सी सहमति भी नहीं ले सकते…|

मेरे विचार से यदि किसी भी स्त्री को वैश्या साबित किया जाता है तो आरोपी पर बलात्कार के साथ साथ धन वसूली का मुकदमा भी चलना| उसे साबित करना चाहिए कि उसने धन दिया था और पैसे लेने के बाद भी यह वैश्या पूर्व सहमति से मुकर गई|

मेरी पूरी सहानुभूति उस समाज के साथ है जो उस पुरुष को हेय दृष्टि से नहीं देखता जिसका पुरुषार्थ इतना भी नहीं है कि वह एक वैश्या की सहमति भी हासिल कर सके|

जिस समाज में वैश्या भी अपने को असुरक्षित और ठगा हुआ महसूस करतीं हैं उस समाज में एक घरेलू स्त्री का तो घर से बाहर निकलना ही बहुत असुरक्षित है| क्योंकि वैश्याएँ जितने अच्छे से पुरुष वासना को समझती है उतना और कौन समझता होगा|

समाज को सुरक्षित बनाने के लिए यह आवश्यक है कि हम अंग्रेजों द्वारा लादे गए धर्म और क़ानून को छोड़ें और उस पुराने भारतीय समाज की और लौटें जहाँ वेश्याओं का भी सम्मान और सुरक्षा थी| निश्चित रूप से यौनकर्म का सुरक्षित, नियंत्रित, और नियमित होना सुरक्षित होना, सारे समाज में सुरक्षा का मानदंड है|