मध्य प्रदेश में पर्यटन संभावनाएं


मध्य प्रदेश हाल के वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में सबसे अधिक विकास करने वाले राज्यों में बना हुआ है| हाल में संम्पन्न सिंहस्थ महाकुम्भ के अलावा भी मध्य प्रदेश में पर्यटन के लिए जाने वालों की संख्या बढ़ी है| मध्य प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए बहुत से प्रयास किये जा रहे हैं| जिनमें से एक २७ मई २०१६ को दिल्ली में आयोजित रोड शो भी है, जिसे मध्य प्रदेश पर्यटन निगम की असिस्टंट मैनेजिंग डायरेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल की उपस्तिथि में आयोजित किया गया|

मध्य प्रदेश को हाल में ६ राष्ट्रीय पर्यटन पुरुस्कार मिले हैं और अभी भी पर्यटन विकास की अपर संभावनाएं हैं| मुझे उनमें से कुछ की चर्चा यहाँ करनी चाहिए:

  • ९ राष्ट्रीय उद्यान:
  • २५ वन्यजीव अभ्यारण्य:
  • ३ उनेस्को विश्व विरासत स्थल: खजुराहो, भीमबेटका, साँची;
  • जलक्षेत्र: इन्द्रासागर, बंसागर, तवा,
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: खजुराहो नृत्य महोत्सव, मालवा उत्सव, तानसेन उत्सव, अल्लाउद्दीन संगीत उत्सव;
  • २ ज्योतिलिंग: महाकालेश्वर, ओमकारेश्वर;
  • २ मुग़ल वास्तुशिल्प: भोपाल, बुरहानपुर;
  • वस्त्रशिल्प: बाघप्रिंट, चंदेरी और महेश्वर साड़ियाँ;
  • १ ब्रॉड गेज रेल रेस्टोरेंट (भोपाल –एक्सप्रेस) – विश्व में एकमात्र;
  • कारवां टूरिज्म – हॉलिडे ऑन व्हील;
  • जल महोत्सव – हनुवान्तिया (जल्दी ही – बरगी, चोरल, भेडाघाट संभावित)
  • फोटोग्राफी पर्यटन – बंसागर, गाँधी सागर आदि
  • बुद्धिस्ट सर्किट, हेरिटेज सर्किट, (स्वदेश दर्शन – भारत सरकार) नर्मदा – दर्शन;
  • प्रकाश – ध्वनि कार्यक्रम – ग्वालियर, ओरछा, खजुराहो, इंदौर, उज्जैन,

इस सब के साथ मध्य प्रदेश पर्यटन संबंधी निवेश को बढ़ावा देने के लिए स्टाम्प ड्यूटी, लक्ज़री टैक्स, आदि में छूट दे रहा है| मांडू, खजुराहो, ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, ओरछा, बुरहानपुर के किये अलग से मार्केटिंग योजना बनाई गई है| अब पर्यटन टोल फ्री १८०० – २३३ – ७७७७ से सरलता से सलाह ले सकते हैं| यात्रियों की सुविधा के लिए प्रमुख मार्गों पर हर ४० – ५० किलोमीटर पर सुविधाओं का विकास किया जा रहा है| प्रदेश में २२ होम स्टे शुरू हुए है और अन्य लोगों के जुड़ने की सम्भावना है|

कैद में सृजन


अभी हाल में मध्य प्रदेश की जेलों के कैदियों द्वारा सृजित की गई कलाकृतियों को प्रदर्शनी देखने का अवसर प्राप्त हुआ| हम बीस मार्च को भोपाल के भारत भवन में घूम रहे थे| कोई इरादा नहीं था कि इस प्रदर्शनी में जाएँ| अचानक पुलिसिया सरगर्मी की तरफ ध्यान गया और उस हॉल के अन्दर की तरफ निगाह डालने पर कुछ आकर्षण पैदा हुआ| साथ में मौजूद पत्रकार मालिक साहब का ध्यान तो एक कलाकृति पर टिक गया, जो बाद में उनका बटुआ हल्का के होने में परिवर्तित हुआ| बताया गया कि इस प्रदर्शनी का समापन होने वाला है| परन्तु हमें समय दिया गया|

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यह कला एवं चित्र प्रदर्शनी मध्य प्रदेश के आठ केन्द्रीय कारावासों के रहवासियों की भिन्न भिन्न माध्यमों पर की गई रचनाओं का छोटा सा संसार था|

यहाँ विषय की विविधता और बहुलता है| कैदी श्रृंगार, भक्ति, देशप्रेम, प्रकृति, गाँधी, इन्तजार आदि महत्वपूर्ण विषयों पर अपना संसार रच रहे हैं| लकड़ी पर उकेरे गए गाँधी जी के तीन बन्दर एकदम अलग और भिन्न रचना है, एकदम अनूठी| पहले से ही बिक चुकी थी| इसकी रचना में कल्पना शीलता और सादगी का अनूठा संगम है|

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ब्रह्मा – विष्णू – महेश की त्रिमूर्ति और शिव परिवार का चित्रांकन निराला था|

IMG_20160320_173321IMG_20160320_173543 कैदियों में विषय की गहराई में उतरने और डूबने की अद्भुद क्षमता दिखाई देती है| समकालीन समाज पर उनके शांत मगर गंभीर व्यंग देखते ही बनते हैं| जब हम चलने लगे तब तक जेल अधीक्षक शैफाली राकेश पहुँच गईं| संक्षिप्त बातचीत हो पाई| उन्होंने बताया कि कैदियों में लिखने और रचने की शानदार क्षमता है| उनके लिए माध्यम की कमी और स्वतंत्रता कोई बाधा नहीं बनते|

अंत में, यह चित्र मेरे मन में बस गया जो किसी कैदी की जिन्दगी का महत्वपूर्ण आत्मकथ्य बन गया है|

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सभी चित्र: ऐश्वर्य मोहन गहराना

भगौरिया-भ्रमण


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उमराली में भगौरिया

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उमराली में भगौरिया

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उमराली में भगौरिया

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बालपुर में भगौरिया

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बालपुर में भगौरिया

सभी चित्र: ऐश्वर्य मोहन गहराना