कहो शहंशाह


कहो शहंशाह,
अनुभव अपना

फंस गए थे जब

भव्य राजपथ के ऊँचे सोपान पर 

द्विदिश मध्य 

प्रजा की पिनपिनाहट में?

कहो शहंशाह

क्या स्मरण हुआ था 

उस श्वानपुत्र का
कुचला गया था जो 

राज-रथ से?

कहो शहंशाह

स्मरण हुआ था क्या
बिसरे यथार्थ का 

बलि होते अल्पमानव का
अन्य अल्पमानवों के 

कर कलमों से?

कहो शहंशाह

बचपन, मातामही, विद्यालय,
दुग्ध, दधि, छठ, राजयोग, राजहठ,

क्या स्मृति जागी विश्वेश्वर-विधाता?

कहो शहंशाह

पहचान पाये क्या

मुख अपना वा यम का?

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