निवेशक जागरूकता श्रंखला २
क्या कोई पैसा दुगना कर सकता है? जादू से या किसी और तरह से?
मुझे तो आजतक कोई ऐसा इंसान या भगवान् नहीं मिला|
क्या रामायण में भगवान् राम में अपने लिए जादू से, तंत्र – मंत्र से कंद मूल फल या पैसा पैदा किया? कहते हैं वो तो भगवान् थे, अगर चाहते तो कर सकते थे| मगर उन्होंने नहीं किया| न ही भगवान् कृष्ण ने ऐसा किया| न ही किसी और ने| सृष्टि का नियम है मेहनत कर कर पैसा कमाना| अगर भगवान् भी धरती पर आते हैं तो मेहनत करते है, जैसे सारे इंसान करते हैं|
तो जादू से तो पैसा दुगना नहीं होता|
रही बात साल दो साल में दुगना पैसा कर देने वाले किसी धंधे की| अगर ऐसा कोई धंधा होता तो हम सभी वही धंधा कर रहे होते| दुनिया भर के राजे महाराजे सारा लड़ाई – झगड़ा छोड़ कर उसी धंधे में लग जाते| टाटा बिड़ला भी क्यों इतनी बड़ी मिल – कारखाने लगाते| इतने पढ़े लिखे लोग पागल हैं क्या जो दिन रात मेहनत करते चार पैसे कमाने के लिए|
लोग रोज नई नई स्कीम लेकर आ जाते हैं| इसमें पैसा लगाओ, उसमे लगाओ; घना मुनाफा है| मैं उनसे कहता हूँ; भाई अगर है तो जाओ पहले खुद लगा दो, अपने घर का सारा पैसा लगा लो, पडोसी से और दोस्तों से भी लेकर लगा तो जब अमीर हो जाओ तो आना| तब हम भी इस स्कीम में पैसा लगा देंगे| एक साहब ने कहा, कि ये मौका दुबारा नहीं आएगा; मैंने कहा हर साल कोई न कोई भला आदमी आ जाता है इन मौकों को लेकर; अभी तुम अपना भला करो|
सोचिये; कायदे के एक साल में ज्यादा से ज्यादा कितने कमाए जा सकते है| अगर माने तो एक साल में पैसे दोगुने तो हो सकते हैं, मगर साल भर उस पैसे के साथ मेहनत करने के बाद| जैसे किसी रिक्शा मालिक को लीजिये| एक नया रिक्शा बाजार में ५००० रुपए से भी कम में आ जाता है, अगर रिक्शा मालिक, रिक्शा चालक से ३० रुपए रोज किराया लेता है तो उसे पूरे साल में १०००० रूपये की कमाई होती है| मगर इस सब में किराया बसूलने और सरकारी भाग दौड़ की मेहनत भी करनी होती है, घर बैठ कर पैसे दोगुने नहीं होते| बिना मेहनत के नहीं हो सकते| [1]