दिवाली और कुछ गप्पें


हर बार मन में रहता है, किसी और घर भी कुछ दिवाली मन सके| यह दिवाली मन में कुछ कसक छोड़ गई|

धनतेरस पर मैं मिठाई नमकीन आदि खरीदकर लौट रहा था| सांझा ई-रिक्शा वाले को और सवारियाँ दरकार थीं तो मैंने पास की दुकान से चाय बनवाई| पूरे पंद्रह मिनिट उसे कोई सवारी नहीं मिली, तो वह मुझे लेकर चला| जाम के कारण उसे सुनसान राह पकड़नी पड़ी जहाँ और सवारी मिलने की कोई संभावना नहीं थी| बाद में मैंने उस से इंतजार कराकर सब्ज़ी खरीदी वह कुछ न बोला| उसे उम्मीद थी कि इस बीच शायद एक दो सवारी मिल जाए| खैर थोड़ा आगे जाकर उसने हाथ जोड़ दिए कि आगे जाने में उसे कोई लाभ नहीं|

मैं उसे घर तक छोडने के बदले पचास रुपये देने का प्रस्ताव रखा तो वह सहर्ष तैयार हो गया| पैसे मिलने पर उसने कहा दिवाली पर हर कोई अपने वाहन पर निकल रहा है, इसलिए उसका काम मंदा है| पूरा दिन बीतने के बाद वह अपनी लागत के बराबर आ पाया था| रकम मिलने पर उसकी मुस्कुराहट जगमग कर रही थी| मैं उसे लौटते समय बहुत सारी सवारी मिलने की ही शुभकामना ही दे पाया|

देर शाम दिये खरीदने निकला तो दाम लगभग दस साल से वहीं के वहीं था दस के पंद्रह छोटे और पाँच का एक बड़ा| मैंने दस छोटे और एक बड़ा दीपक लेकर बीस रुपये दिये तो वह भाग कर पीछे आया और पाँच रुपये वापिस कर गया| पता नहीं यह लोग ठीक से दिवाली क्यों नहीं मनाना चाहते जबकि इन से खरीद कर बड़े लोग अमीर हो जाते हैं|

दिवाली के अगले दिन सुबह कुछ बालक पटाखे छोड़ रहे थे कि एक पंडित जी ने सूतक में पटाखे छोडने से मना किया तो पंडित जी को बाल-उपदेश सुनने को मिले| चर्चा में दोनों समुदायाओं के बालक शामिल होने के बाद भी सभी धार्मिक भावनाएं आहत होने से बची रहीं| 

चर्चा चले ही सूर्य ग्रहण की हो रही हो, डेंगू का ग्रहण अधिक कष्टकारी है जान पहचान में डेंगू के कम से कम  पाँच मामले हैं, यह कोविड अधिक भयाभय स्थिति है, भले ही मृत्युभय कम हो|

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सोच रहा था कि घर से निकल कर किसी मित्र के साथ छठ को देखा समझा जाए पर घर में सब की तबीयत खराब है| हर छठ पर मुझे हाथरस के बलदेव छठ का मेला याद आता है जबकि वह भादों में पड़ता है| इस दिन से जनवरी में लगने वाली अलीगढ़ की नुमाइश का इंतजार भी शुरू होता है| शादी कि सालगिरह भूल जाना शायद किसी वैदिक ऋषि का श्राप है| हर साल की तरह इस बार भी शादी की सालगिरह न भूल जाऊँ|

Advertisement

कृपया, अपने बहुमूल्य विचार यहाँ अवश्य लिखें...

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.