गृहकार्यालय में गृह से समन्वय


जब ठीक पंद्रह दिन पहले गृहकार्यालय के विषय पर एक चलता फिरता सा आलेख लिखा था तब सोचा न था कि यह बेहद गंभीर विषय है| कालचक्र घूमा और दुनिया बदलने लगी| कल अपने कानूनपरक ब्लॉग पर घर से काम करने के अपने अनुभव लिखे तो बहुत सराहना मिली और जिज्ञासाएं भी सामने आईं| कठिन समय है| हम सब के सामने घर पर रह कर बहुत श्रम करने की चुनौती है वर्ना अर्थव्यवस्था ही नहीं मानवता को भी खतरा हो सकता है| स्वास्थ्य और अर्थव्यस्था बनाये रखने की यह बड़ी चुनौती है|

घर से काम करते समय सबसे बड़ी चुनौती है घर पर समूचा ध्यान देना| परिवार का सहयोग कठिनाई से मिलता है| आसन्न संकट में सम्बन्धी, परिचितों और परिवार को घर से काम करने की महत्ता समझाने की आवश्यकता नहीं है, जैसा कि मुझे समझना पड़ता था| अपितु परिवार को गंभीरता से यह बताने की जरूरत है कि आप छुट्टी पर नहीं है| यह काम का कठिन समय है और हमारी भूमिका अर्थचक्र को चलाये रखने वाले सिपाही की है|

घर से काम करते समय आपको दो महत्वपूर्ण लाभ मिलते हैं – पहला, समय जो कार्यालय की आवाजाही से बचता है और दूसरा, समय जो आपके चुन सकते हैं| (Time and Timing)

जिस दिन से आपको घर से काम करना शुरू करना है उस से पहले दिन परिवार के साथ बेहद शानदार समय बिताएं| जो पहले ही घर से काम कर चुके है वह आज शाम ऐसा कर सकते हैं| बेहद शानदार नींद लें| ध्यान दें पहले दिन आपको आपको आलस्य का सामना करना होगा, इसलिए नींद पूरी होनी चाहिए|

दूसरा; मीठा, नमकीन, चाय नाश्ते की इच्छा पर लगाम रखनी होगी| घर में इन सब चीजों की असीमित आपूर्ति हो सकती है परन्तु इसके चार बेहद बड़े नुक्सान हैं:

  • खाद्य पदार्थ का अनावश्यक उपभोग;
  • संभावित मोटापा और बीमारियाँ;
  • समय की बर्बादी; और सर्वाधिक महत्वपूर्ण –
  • पहले परिवार कार्य के प्रति आपको दायित्वहीन मानेगा बाद में कार्यालय भी ऐसा मानने को मजबूर होगा| क्योंकि चाय नाश्ते के चक्कर में आप काम पर ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाएंगे|

अपने समय का बाकि परिवार के समय के साथ सुर-ताल मिलाना होगा| शेष परिवारी जन का घर से काम करने के दिन कौन से हैं; बच्चों की धमा – चौकड़ी का समय क्या है; दोपहर को सोने और टेलिविज़न देखने के समय क्या हैं? विशेष महत्त्व की बात यह है कि परिवार में कौन कब अपने कार्यालय के साथ सामूहिक विचारविमर्श (tele –conferencing or Video-conferencing) करने वाला है?

आप समूचे परिवार को ध्यान में रखकर ही अपना काम कर पायेंगे| यहाँ शहंशाह बनने की कोशिश न करें| छोटे बच्चों का ध्यान प्रेमपूर्वक सही स्थान पर लगाकर रखें|

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