बहुत दिन हुए
दिवाली हुए
चलो
किसी गैर मुल्क का
दिवाला पीटा जाए
कुछ तलवार दिमागों को
जंग लगाया जाए
मोर्चा सजाएं
जवान दहलीजों पर|
बहुत दिन हुए,
हथियारों की
दलाली खाए||
बहुत दिन हुए
दिवाली हुए
चलो
किसी गैर मुल्क का
दिवाला पीटा जाए
कुछ तलवार दिमागों को
जंग लगाया जाए
मोर्चा सजाएं
जवान दहलीजों पर|
बहुत दिन हुए,
हथियारों की
दलाली खाए||