दिल जीत लूँगा
दुनिया के सारे हत्थे निहत्थे मूर्ख बर्बर पापियों के
बन्दूक की नौक पर||
हर सुबह लाऊड स्पीकरों से सर्वव्यापी के कान फोड़कर
बता दूंगा जता दूंगा अपनी भक्ति
सर्वशक्तिमान को बचा लूँगा मैं शैतानी फंदों से
दुनिया के तमाम दरिंदों से, जो नहीं पूजते उसे,
या पूजते हैं उसे किसी और नाम से,
या चुपचाप रहकर उसे अपना काम करने देते हैं|
दिल जीत लूँगा
दुनिया के सारे हत्थे निहत्थे मूर्ख बर्बर पापियों के
बन्दूक की नौक पर||
दुनिया की हर रसोई में जाकर कच्चा चबा जाऊंगा
जो गाय खाता है जो सूअर खाता है
जो घोड़ा खाता है जो घास खाता है
जो खाता है जो खाता है जो खाता है जो खाता है जो खाता है
चबा जाऊंगा उसका ज़िगर दिमाग कलेजा खून के थक्के
थूक दूंगा इंसानियत उसकी नीली पीली धूसर लाल लाश पर|
दिल जीत लूँगा
दुनिया के सारे हत्थे निहत्थे मूर्ख बर्बर पापियों के
बन्दूक की नौक पर||
फौड़ दूंगा उन घबराई सहमी आँखों को
जो नहीं देखेंगी वासना में छिपे मेरे प्रेम की ऊँचाई
फंसाना चाहती है मुझे अपने प्रेम जाल की गुलामी में
चीर दूंगा टांगों से छाती तक मखमली खूबसूरत बदन
जो मेरे मर्द को नहीं पहचान पायेगा मेरी मर्जी के वक्त
दिल जीत लूँगा
दुनिया के सारे हत्थे निहत्थे मूर्ख बर्बर पापियों के
बन्दूक की नौक पर||