ट्रॉफी, टॉफी और लड़कियाँ


 

लड़कियाँ ट्रोफ़ियां होतीं हैं

शानदार रंगबिरंगी सजावटी|

 

जीत ली जातीं हैं;

प्रेम से, मुहब्बत से,

जंग से, रंग से,

पैसे से, परम्परा से,

जोर से, जमीन से,

चटपटी मीठी बातों से|

 

दांव चढ़ जाती है;

प्रेम की, परंपरा की,

परिवार की, पैसे की,

दान की, दहेज़ की,

मायके की, सुख की,

दुहाई की, दुःख की|

 

सजाई जातीं है;

अगल में, बगल में,

सगाई में, ससुराल में,

बैठक में, बिस्तर में,

चौके में, चूल्हे में,

सजावट में, समारोह में|

 

लडकियाँ टोफियाँ होतीं हैं

शानदार रंगबिरंगी सजावटी|

 

बाँट दी जातीं है;

पुरुषों में, पत्थरों में,

प्रसाद में, पुरुस्कार में,

महलों में, मंदिरों में,

रिश्ते में, नाते में,

कोठिओं में, कोठों में|

 

चूस लीं जातीं हैं;

गंध में, सुगंध में,

रंग में, बिरंग में,

संवाद में, स्वाद में,

प्रकाश में, अंधकार में,

मन में, मंदिर में|

 

लड़कियाँ

ट्रॉफी होतीं है, टॉफी होतीं हैं|

 

लड़कियाँ

नहीं जानतीं जिन्दा होना|

 

लड़कियाँ

जानतीं है लड़कियाँ होना|

 

Advertisement

कृपया, अपने बहुमूल्य विचार यहाँ अवश्य लिखें...

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.